📍 स्थान: आगरा, उत्तर प्रदेश
🧱 निर्माता: मुगल सम्राट शाहजहाँ
📆 निर्माण वर्ष: 1631-1653 ईस्वी (लगभग)
📝 यह एक 'शाश्वत प्रेम का स्मारक' है, जिसे शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। यह सफेद संगमरमर से निर्मित है और मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें फारसी, भारतीय और इस्लामी शैलियों का मिश्रण है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है और दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है।
📍 स्थान: दिल्ली
🧱 निर्माता: मुगल सम्राट शाहजहाँ
📆 निर्माण वर्ष: 1638-1648 ईस्वी
📝 यह मुगल सम्राट शाहजहाँ की नई राजधानी शाहजहाँनाबाद के महल-किले के रूप में बनाया गया था। यह लाल बलुआ पत्थर से बना एक विशाल किला है, जो मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री यहीं से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। यह भी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
📍 स्थान: दिल्ली
🧱 निर्माता: कुतुब-उद-दीन ऐबक (शुरुआत), इल्तुतमिश (पूर्ण), फिरोज शाह तुगलक और शेर शाह सूरी (मरम्मत और परिवर्धन)
📆 निर्माण वर्ष: 1193 ईस्वी (शुरुआत)
📝 यह भारत की सबसे ऊंची ईंटों से बनी मीनार है, जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है। यह इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें जटिल नक्काशी और शिलालेख हैं। इसे कुतुब परिसर के हिस्से के रूप में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी नामित किया गया है।
📍 स्थान: नई दिल्ली
🧱 निर्माता: सर एडविन लुटियंस (डिजाइन)
📆 निर्माण वर्ष: 1921-1931
📝 यह एक युद्ध स्मारक है जो प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए ब्रिटिश भारतीय सेना के 70,000 सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है। यह पेरिस में आर्क डी ट्रायम्फ से प्रेरित एक 42 मीटर ऊंचा मेहराब है। इसके नीचे 'अमर जवान ज्योति' जलती रहती है, जो भारत के अज्ञात सैनिक को श्रद्धांजलि है।
📍 स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र
🧱 निर्माता: जॉर्ज विटेट (डिजाइन)
📆 निर्माण वर्ष: 1911-1924
📝 यह किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के 1911 में भारत दौरे की याद में बनाया गया एक आर्क स्मारक है। यह मुंबई के अपोलो बंडर में स्थित बेसाल्ट से बनी 26 मीटर ऊंची संरचना है। इसे अक्सर 'मुंबई का ताजमहल' कहा जाता है।
📍 स्थान: जयपुर, राजस्थान
🧱 निर्माता: महाराजा सवाई प्रताप सिंह
📆 निर्माण वर्ष: 1799
📝 इसे 'हवाओं का महल' या 'पैलेस ऑफ विंड्स' के नाम से जाना जाता है। यह पांच मंजिला महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है, जिसमें 953 छोटी खिड़कियाँ (झरोखे) हैं। इसे शाही महिलाओं को सड़कों पर होने वाले त्योहारों और जुलूसों को देखे बिना ही देखने की अनुमति देने के लिए बनाया गया था।
📍 स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल
🧱 निर्माता: ब्रिटिश राज (जॉर्ज कर्जन, भारत के तत्कालीन वायसराय द्वारा कल्पना की गई)
📆 निर्माण वर्ष: 1906-1921
📝 यह ब्रिटिश साम्राज्य की महारानी विक्टोरिया को समर्पित एक भव्य संगमरमर की इमारत है। यह इंडो-सारासेनिक रिवाइवलिस्ट वास्तुकला शैली में निर्मित है और इसमें मुगल, ब्रिटिश, मिस्र, दक्कनी और वेनिस के तत्वों का मिश्रण है। इसमें एक संग्रहालय और सुंदर उद्यान भी हैं।
📍 स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना
🧱 निर्माता: सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह
📆 निर्माण वर्ष: 1591
📝 यह एक स्मारक और मस्जिद है, जिसे शहर में प्लेग के अंत का जश्न मनाने के लिए बनाया गया था। यह अपनी चार भव्य मीनारों के लिए प्रसिद्ध है, जिसके नाम पर इसका नाम 'चारमीनार' पड़ा। यह कुतुब शाही वास्तुकला का एक प्रतीक है।
📍 स्थान: सांची, मध्य प्रदेश
🧱 निर्माता: सम्राट अशोक (मूल रूप से)
📆 निर्माण वर्ष: तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व
📝 यह भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध बौद्ध स्मारकों में से एक है। यह मूल रूप से सम्राट अशोक द्वारा निर्मित किया गया था, और बाद में परिवर्धन और नक्काशीदार तोरणों (प्रवेश द्वार) को जोड़ा गया। यह बौद्ध कला और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
📍 स्थान: दिल्ली
🧱 निर्माता: हुमायूँ की विधवा महारानी बेगा बेगम (हाजी बेगम)
📆 निर्माण वर्ष: 1569-1570 ईस्वी
📝 यह भारत में बना पहला उद्यान-मकबरा है और ताजमहल सहित बाद की मुगल वास्तुकला के लिए प्रेरणा बना। यह लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से निर्मित है और फारसी और भारतीय वास्तुकला शैलियों का एक संलयन दर्शाता है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है।
📍 स्थान: कोणार्क, ओडिशा
🧱 निर्माता: पूर्वी गंगा राजवंश के राजा नरसिंहदेव प्रथम
📆 निर्माण वर्ष: 13वीं शताब्दी ईस्वी
📝 यह सूर्य देव को समर्पित एक शानदार मंदिर है, जिसे एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है जिसमें बारह जोड़ी नक्काशीदार पत्थर के पहिए हैं और सात घोड़े इसे खींचते हुए प्रतीत होते हैं। यह अपनी जटिल नक्काशी और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
📍 स्थान: बोधगया, बिहार
🧱 निर्माता: सम्राट अशोक (मूल रूप से), बाद में विभिन्न राजवंशों द्वारा पुनर्निर्माण और परिवर्धन
📆 निर्माण वर्ष: तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व (मूल संरचना)
📝 यह वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यह दुनिया के सबसे पवित्र बौद्ध स्थलों में से एक है। इसमें बोधि वृक्ष और एक 55 मीटर ऊंचा ईंट का मंदिर है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
📍 स्थान: मैसूर, कर्नाटक
🧱 निर्माता: वडियार राजवंश (हेनरी इरविन द्वारा डिजाइन)
📆 निर्माण वर्ष: 1897-1912 (वर्तमान संरचना)
📝 यह भारत के सबसे भव्य और अक्सर देखे जाने वाले महलों में से एक है। यह इंडो-सारासेनिक वास्तुकला शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, राजपूत और गोथिक शैलियों का मिश्रण है। दशहरे के दौरान इसका प्रकाशमान दृश्य विशेष रूप से शानदार होता है।
📍 स्थान: जयपुर, राजस्थान
🧱 निर्माता: राजा मान सिंह प्रथम (शुरुआत)
📆 निर्माण वर्ष: 16वीं शताब्दी (लगभग)
📝 यह अरावली पहाड़ियों में स्थित एक विशाल किला है, जो राजपूत और मुगल वास्तुकला शैलियों का मिश्रण प्रदर्शित करता है। यह अपने भव्य महलों, मंदिरों और 'शीश महल' (दर्पण महल) के लिए प्रसिद्ध है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (राजस्थान के पहाड़ी किलों के हिस्से के रूप में) है।
📍 स्थान: हम्पी, कर्नाटक
🧱 निर्माता: विजयनगर साम्राज्य के शासक
📆 निर्माण वर्ष: 14वीं-16वीं शताब्दी ईस्वी
📝 यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी के खंडहरों का एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इसमें मंदिरों, महलों और अन्य संरचनाओं के खंडहरों का एक विशाल संग्रह है, जो द्रविड़ वास्तुकला की भव्यता को दर्शाते हैं। विरुपाक्ष मंदिर एक प्रमुख जीवित संरचना है।
📍 स्थान: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
🧱 निर्माता: राष्ट्रकूट राजवंश (मुख्य रूप से)
📆 निर्माण वर्ष: 6वीं-10वीं शताब्दी ईस्वी
📝 यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसमें बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों से संबंधित 34 रॉक-कट गुफाएं हैं। यह धार्मिक सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का एक अद्भुत उदाहरण है, जिसमें कैलाश मंदिर (गुफा 16) एक अखंड संरचना है जो एक ही चट्टान से तराशी गई है।
📍 स्थान: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
🧱 निर्माता: विभिन्न शासक (सातवाहन, वाकाटक राजवंश)
📆 निर्माण वर्ष: दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईस्वी तक
📝 यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसमें प्राचीन बौद्ध रॉक-कट गुफाएं हैं जो अपनी उत्कृष्ट भित्ति चित्रों और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। ये चित्र बुद्ध के जीवन और जातक कथाओं को दर्शाते हैं, जो प्राचीन भारतीय कला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
📍 स्थान: खजुराहो, मध्य प्रदेश
🧱 निर्माता: चंदेल राजवंश
📆 निर्माण वर्ष: 950-1050 ईस्वी
📝 यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अपनी विस्तृत और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें हिंदू और जैन मंदिर शामिल हैं, जो नागर वास्तुकला शैली में निर्मित हैं। ये मंदिर मध्यकालीन भारत की कला और संस्कृति को दर्शाते हैं।